Chhaava Movie Review: वीरता की रोमांचक और दमदार गाथा! (A Gripping and Powerful Epic of Bravery!) – Bolly4u Review

अगर आपको इतिहास से जुडी फिल्में पसंद हैं, खासकर मराठा साम्राज्य की कहानियों के इच्छुक है, तो Chhaava Movie आपके लिए एक शानदार फिल्म हो सकती है। यह फिल्म एक योद्धा, एक रणनीतिकार और एक विद्वान राजा छत्रपति संभाजी महाराज की कहानी को बताती है। बात करते हैं इस फिल्म के हर पहलू की, ताकि आप तय कर सकें कि यह फिल्म देखने लायक है या नहीं ?

Chhaava Movie Review

परिचय (Introduction)

भारतीय सिनेमा में ऐतिहासिक फिल्मो की अलग ही पहचान है। तो आ गई है इतिहास को दिखाती और मराठा इतिहास पर बनी Chhaava Movie रिलीज़ हो चुकी है। यह फिल्म मराठा साम्राज्य के छत्रपति शिवाजी महाराज के बाद सिंहासन पर बैठे दूसरे छत्रपति, के जीवन पर आधारित है। फिल्म में विक्की कौशल ने संभाजी महाराज तथा रश्मिका मंदाना ने उनकी पत्नी महारानी येसुबाई की मुख्य भूमिका निभाई है। और अक्षय खन्ना ने औरंगजेब का किरदार निभाया है। फिल्म का निर्देशन लक्ष्मण उतेकर ने किया है और संगीत ए. आर. रहमान ने दिया है।

Chhaava Movie कहानी – वीरता, संघर्ष और बलिदान

Chhaava Movie की कहानी संभाजी महाराज के जीवन और संघर्ष पर बनाई गई है। फिल्म की शुरुआत संभाजी महाराज के बचपन और उनकी शिक्षा से होती है। जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, उनकी वीरता, नेतृत्व क्षमता और व्यक्तिगत संघर्ष देखने को मिलता है। यह फिल्म दिखाती है कि कैसे एक बहादुर राजा ने मुगलों जिसमें औरंगजेब के साथ टकराव सबसे बड़ा था और अन्य दुश्मनों के खिलाफ संघर्ष किया तथा संभाजी के शासनकाल में मराठा साम्राज्य ने कई चुनौतियों का सामना किया।

संभाजी महाराज सिर्फ योद्धा ही नहीं, बल्कि एक बुद्धिमान रणनीतिकार और साहित्य प्रेमी भी थे। कहानी में एक्शन, राजनीति, और व्यक्तिगत संघर्ष का मिश्रण दिखता है, जो दर्शकों को भावनात्मक रूप से अपनी और आकर्षित करता है। इस फिल्म की कहानी कुछ जगहों पर थोड़ी धीमी हो जाती है जिससे यह फिल्म लम्बी लगने लगती है। और कुछ सीन आपको थोड़ा बोर कर सकते है, लेकिन कुल मिलाकर, फिल्म की स्क्रिप्ट मजबूत है और दर्शको को बांधने में कामयाब होती है।

अभिनय (Acting):- विक्की कौशल ने किया कमाल!

विक्की कौशल ने संभाजी महाराज के रूप में अच्छा परफॉर्मेंस दिया है। उनका अभिनय दमदार और प्रभावशाली रहा। युद्ध के दृश्यों में उनकी फिजिकल प्रेजेंस जबरदस्त थी, और इमोशनल दृश्यों में भी गहराई देखने को मिली। हालांकि, मराठी भाषा बोलने को लेकर कमी हो सकती हैं।

रश्मिका मंदाना के येसुबाई के किरदार में गंभीरता और गरिमा देखने को मिलती है। उनका स्क्रीन टाइम अपेक्षाकृत कम लगा, लेकिन उन्होंने अपनी भूमिका बखूबी निभाई है। उनके और विक्की कौशल के बीच के दृश्य भावनात्मक रूप से मजबूत हैं।

अक्षय खन्ना ने औरंगजेब के रूप में शानदार प्रदर्शन किया है। वह फिल्म में धाकड़ अंदाज में नजर आते हैं, उनके डायलॉग और बॉडी लैंग्वेज से किरदार में गहराई नज़र आती है। हालांकि, उनका स्क्रीन टाइम थोड़ा और बढ़ाया जा सकता था। कुल मिलाकर, छावा फिल्म का सबसे मजबूत पार्ट कलाकारों की एक्टिंग है।

निर्देशन (Direction)– भव्यता और इमोशन का मेल

डायरेक्शन में एक महत्वपूर्ण चुनौती यह होती है कि फिल्म को ऐतिहासिक रूप से सटीक कैसे बनाया जाये। लक्ष्मण उतेकर ने इस फिल्म को एक शानदार ऐतिहासिक रूप देने की कोशिश की है। उनकी पिछली फिल्मों की तुलना में, ‘छावा’ पूरी तरह से अलग फिल्म है। निर्देशक ने युद्ध और महल के दृश्यों को अच्छे से डिजाइन किया है। जिससे इस फिल्म में मराठी संस्कृति और मराठा परंपराओं की झलक देखने को मिलती है। हालांकि, कुछ जगहों पर स्क्रीनप्ले धीमा लगा और जिससे फिल्म खिंचती हुई महसूस होती है। और कई जगह स्क्रिप्ट और एडिटिंग को भी थोड़ा टाइट रखा जा सकता था।

Cinematography & Visual Effects

Chhaava Movie की सिनेमैटोग्राफी शानदार और प्रभावशाली है। और यह दर्शकों को 17वीं सदी के मराठा साम्राज्य का एहसास कराती है। युद्ध के सीन्स को एपिक लेवल पर शूट किया गया है, जिससे स्क्रीन जीवित लगती हैं। किलों, युद्धभूमि और महलों को बिल्कुल वास्तविक रूप में दिखाया गया है। फिल्म देखने पर ऐसा लगता है कि हम सच में 17वीं सदी के मराठा साम्राज्य में हैं। अगर आपको भी इतिहास से जुडी फिल्मे पसंद है तो यह फिल्म आपको निराश नहीं करेगी।

संगीत (Music ): ए. आर. रहमान का जादू!

ए. आर. रहमान का जादू फिल्म में जान डालता है। फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक काफी शक्तिशाली और प्रभावी है। गानों की तुलना में बैकग्राउंड म्यूजिक अधिक प्रभावशाली लगता है। ‘छावा’ के इमोशनल और ऐक्शन सीन्स के दौरान म्यूजिक रोंगटे खड़े कर देता है। म्यूजिक कहानी की भावनाओं को और गहराई देता है, खासकर युद्ध और इमोशनल सीन्स में।

ऐतिहासिक सटीकता

संभाजी महाराज के नाचने वाले दृश्य को लेकर दर्शको में नाराजगी दिखी । अब जहां ऐतिहासिक फिल्म होती है, वहां विवाद तो होता ही है। हालांकि, यह फिल्म पूरी तरह से एक बायोपिक नहीं, बल्कि सिनेमैटिक ड्रामा है, इसलिए कुछ बदलाव स्वाभाविक हैं।

रेटिंग: (4/5)

thandel movie review

Leave a Comment