मेंने देख ली है Marco Movie तो आइये बात कर लेते है की मूवी कैसी है। फिल्म की कहानी बस रिवेंज पर आधारित है। लेकिन इस रिवेंज मे जो ब्रुटालिटि दिखाई गई है उसको देखकर तो आपको भी डर लगने लगेगा। क्योंकि इस रिवेंज को इस लेवल से ब्रूटल किया गया है वैसा आज तक नहीं देखा इंडियन सिनेमा में।
Marco Movie Review in Hindi :-
फर्स्ट हाफ के बारे मे बारे मे बात करू तो मुझे तो फर्स्ट हाफ ठण्डा ही लगा। पूरा थिएटर हाउस फुल था लेकिन कोई चिल्लम चिल्ली नहीं कोई ताली नहीं बजा रहा था, लोग बस देखे जा रहे हैं कि क्या चल रहा है। मुझे तो लग रहा था की क्या मे सच मे मार्को ही देख रहा हूँ। क्योंकि सुनने मे आ रहा था की यह मूवी ब्रुटालिटि से भरी है। फर्स्ट हाफ में बस एक दो सीन है जिसमें ब्रूटालिटी को दिखाया है और स्टोरी लाइन का बिल्डअप चलते रहता है।
लेकिन जैसे ही मूवी इंटरवल ब्लॉक में आई खेल वहीं से शुरू हो गया हाथ कट रहे हैं पांव कट रहे हैं सर धड़ से अलग हो रहा है हर जगह खून ही खून। अगर आप आर रेटेड वाले फैन हो तो इसमें आपको सुख मिलेगा। आपको लगेगा की लोग कट वहाँ रहे है और खून आपकी आँखों मे आ रहा है। खून इतना ज्यादा की सोचकर लगता है की सेंसर ने पास कैसे कर दिया थिएटर ऑडियंस के लिए और अगर ए रेटेड है तो थिएटर में बच्चे किसने अलाउड कर दिये थिएटर में 10 – 12 बच्चे भी थे। बच्चों को बिल्कुल भी यह नहीं दिखना चाहिए।
इस फिल्म में ब्रूटालिटी के अलावा स्टोरी लाइन कुछ भी नहीं हैं। ब्रूटल होने के बावजूद किसी भी कैरेक्टर का बिल्डअप ऐसा नहीं है कि वह कनेक्ट कर जाए। मैं तुझे मारूंगा तू मुझे मार बस यही सब है। ब्रूटल सीन के टाइम कैमरा एंगल बहुत अच्छे हैं कुछ जगह कॉरिडोर वाले सीन और एक सीन है भाई उसको बेस्ट ऑफ द बेस्ट तो नहीं कह सकता वह भी सिर्फ ब्रूटालिटी के आधार पर इस फिल्म ने यह तो इंडस्ट्री में समझा दिया है कि यू कैन गो बियोंड योर इमेजिनेशन जहां महाराजा या एनिमल जैसी फिल्म का ब्रूटल एस्पेक्ट बहुत कम हो जाता है।
यह फिल्म अब तक कि मेरी देखी हुई फिल्म में से ब्रूटालिटी ओवरलोडेड फिल्म थी। कुछ जगह तो इतना सारा कर दिया कि अगर आप कमजोर दिल के हो तो उल्टी कर दोगे स्पेशली सेकंड हाफ में। गाने ना के बराबर है तो फोकस बस रिवेंज एंड एक्शन पर ही होता है। लेकिन मासूम बच्चों के साथ भी जब ब्रूटालिटी हो रही है तो यार दिल थम सा जाता है कि भाई अब तो रुक जाओ। लेकिन हीरोइज्म से भरी इस फिल्म में हीरो को जितना भी मार पड़े उसको कोई फर्क नहीं पड़ेगा वह उठेगा और बदला लेगा। मेरे तरफ से इस फिल्म को 5 स्टार मे से 3 स्टार। आप बताओ आपको कैसी लगी मूवी।